नई कार खरीदना लगभग हर किसी का सपना होता है।इसलिए नयी कार खरीदनी है तो जल्दी ये जान लें।
कार खरीदते समय हम कुछ गलतियां कर देते हैं जिससे खरीदने के बाद हमें पछताना पड़ता है। नई कार खरीदने से पहले ये बातें ध्यान रखेंगे तो नहीं होगा कोई नुकसान इसलिए यदि आप भी जल्द ही एक नई कार खरीदने वाले हैं तो आज हम आपको बताने वाले हैं ऐसे टिप्स के बारे में, जिनका ध्यान आपको नई कार खरीदते समय जरूर रखना चाहिए. जिससे बाद में आपको कोई नुकसान न उठाना पड़े. तो चलिए जानते हैं इन टिप्स के बारे में.
इसको हम कुछ चरणों में समझते हैं
1# बजट
Table of Contents
Toggle2# ब्रांड
3# पेट्रोल या डीजल कार
4# सेफ्टी
5# गियर
6# माइलेज और पॉवर
7# फ़ीचर्स
8# शोरूम विजिट
9# टेस्ट ड्राइव लें
10# घर में डिस्कस करें
11# कार बुक करें
12# दुबारा टेस्ट ड्राइव लें
13# कार की डेलिवेरी
1# बजट

नई कार खरीदने जाने से पहले आपको अपने बजट को जरूर तय कर लेना चाहिए. ताकि बाद में बजट को लेकर कोई दिक्कत न हो. इसके लिए पहले ही कारों की लिस्ट तैयार कर लेना चाहिए. साथ ही आपको अपनी फैमिली और जरूरत के हिसाब से कार के साइज को भी तय कर लेना चाहिए.
2# ब्रांड

हर किसी की अपनी पसंद की ब्रांड होती है। हर वाहन निर्माता की कारों में कुछ न कुछ विशेषता जरूर होती है. इसलिए आपको अपनी पसंद और बजट के अनुसार कार के ब्रांड को भी पहले से ही तय कर लेना चाहिए. जिससे बाद में कंफ्यूजन की स्थिति न बने.
3# पेट्रोल या डीजल कार

अब आपको ये तय करना है की आप पेट्रोल या डीजल गाड़ी लें। दोनों में से कोई एक चुनने के लिए आपको ये जानना है की आपको रोज़ का कितने किलोमीटर ड्राइव है। अगर आपको कम चलाना है, और मेंटनेंस में कम खर्च करना है तो आप पेट्रोल ले सकते है। और अगर आपका रोज का ज्यादा रनिंग ज्यादा है और मेंटनेंस ख़र्च से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है तो ही आप डीजल लें।
4# सेफ्टी

कार खरीदने से पहले यह जरूर चेक कर लें कि आपके पसंद की कार कितनी सुरक्षित है, और कार में क्या क्या सेफ्टी फ़ीचर्स हैं (जैसे – एअरबैग कितने हैं, ब्रेक के सिस्टम में ABS,EBD है की नहीं, ट्रैक्शन कण्ट्रोल, हिल होल्ड, इत्यादि). ये सभी फीचर्स आपको और आपके परिवार को किसी न किसी रूप में सेफ्टी प्रदान करते हैं। गाडी की सेफ्टी पता आप ग्लोबल NCAP से मिले सेफ्टी रेटिंग से लगा सकते हैं. 4 स्टार या इससे ऊपर की सुरक्षा रेटिंग प्राप्त कारों को बहुत सुरक्षित समझा जाता है.
5# गियर

आपको ये भी पता होना है की आपको ऑटोमैटिक या फिर मैन्युअल गियर लेना है। ये आपके ऊपर है अगर आप कार पहले से मैन्युअल गियर वाली चलाते हैं
तो आपको मैन्युअल ही लेना चाहिए। और आप कार चलाने नहीं जानते हैं, और आपको ही ड्राइव करना है तो आपके लिए ऑटोमैटिक गियर वाली गाडी लें।
क्योकि ऑटोमैटिक गियर वाली कार चलाना आप आसानी से सिख सकते हैं।
6# माइलेज और पॉवर

जहाँ तक माइलेज और पावर की बात है तो आज के समय में पैट्रोल और डीजल की कीमत को देखते हुए माइलेज जरुरी है। ये आप खुद तय करें की आपको क्या चाहिए।
7# फ़ीचर्स

सेफ्टी फ़ीचर्स के अलावा ये भी आपको जानना है आप जो कार खरीदने की सोच रहे हैं उसमे और कितने फ़ीचर्स हैं जो आपकी ड्राइविंग को आसान बना सकते हैं। जैसे टच स्क्रीन, रिवर्स कैमरा, पार्किंग सेंसर्स, इत्यादि प्रमुख फीचर्स हैं। ऐसे फ़ीचर्स में आपको नहीं जाना चाहिए जिसका उपयोग शायद आप भविष्य में भी नहीं करेंगे। नहीं तो ये आपके पैसे की बर्बादी होगी।
8# शोरूम विजिट

ये सभी बातों की जानकारी आप अपने मित्रों, पारिवारिक संबंधों से जिनके पास पहले से कार हो या फिर खुद भी इंटरनेट के माध्यम से ले सकते हैं। जानकारी पूरी मिलने के बाद आप जब तय कर लेते हैं की कौन सी कार आपको लेनी है और किस ब्रांड में जाना है तो आप शोरूम विजिट के लिए तैयार हैं। और कम से कम आप उस ब्रांड की दो शोरूम विजिट करें। ऐसा करने से आपको ज़्यादा डिस्काउंटका फ़ायदा हो सकता है और आप मोल भाव भी कर सकते हैं।
शोरूम में कार के बारे में जानकारी लें अब आपको सारी जानकारी हो गयी। अब इन्ही सब के बारे में आप शोरूम के सेल्स स्टाफ़ से चर्चा करें। और अपनी पसंद की कार के बारे में जाने। ऑफर के बारे जानकारी लें। कार के बारे में जानकारी से संतुस्ट होने के बाद अब ऑफर के बारे में पूछें। पहली चीज की वो क्या प्राइस ऑफर कर रहे है। और कार के साथ क्या ऑफर मिल रहा है। जानकारी पूरी होने के बाद आप दूसरे शोरूम में भी विजिट कर लें और वहाँ से भी जानकारी लें। अब आप फाइनेंस के बारे पूछ लें। कोशिश करें की सरकारी बैंक से फाइनांस हो। इससे आपका इंट्रेस्ट भी कम लगेगा।
9# टेस्ट ड्राइव लें

अगर आप कार चलाते हैं तो खुद ही टेस्ट ड्राइव लें। अगर आप कार चलाना नहीं जानते हैं तो परिवार के सदस्य या किसी मित्र को साथ रखें जो कार चलाना जानता हो और कार के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी हो। टेस्ट ड्राइव कम से कम 10 किलोमीटर का लें। जिसमे ट्रैफिक भी हो और हाईवे भी हो। आज के समय में हर कार डीलर घर पर ही टेस्ट ड्राइव ऑफर कर रहे हैं। टेस्ट ड्राइव में वही मॉडल की मांग करें जो आपने पसंद किया है।
10# घर में डिस्कस करें

यहाँ तक तो आपने यह निश्चय कर लिया होगा की कौन सी कार लेनी है और किस डीलर से लेनी है। अब आखरी बार अपने परिवार में विचार विमर्श कर लें।
11# कार बुक करें

अब कार भी पसंद कर ली और कार के मॉडल भी, अब जरुरत है शोरूम जाकर कार बुक करने की। इतना सब जानकारी होने के बाद आपको पता चल जायेगा की किस डीलर से आपको कार लेनी है।
12# दुबारा टेस्ट ड्राइव लें

आप सोच रहे होंगे की टेस्ट ड्राइव तो ले ली थी। लकिन दुबारा टेस्ट ड्राइव क्यों। दुबारा टेस्ट ड्राइव इसलिए की जिस कार को आपने टेस्ट किया उसे तो आप कभी नहीं चलाएंगे। इसलिए जिस कार को आपको चलना है उसी का टेस्ट ड्राइव लें। इससे आपको उस कार में अगर कोई उत्पाद निर्माण से सम्बंधित कोई त्रुटि हो तो पता चल जायेगा। और आपके पास उस मॉडल की दूसरी कार लेने का मौका रहेगा। और इसी दौरान पूरी कार का अंदर और बाहर से जाँच कर ले। कार के बाहर रंग की जाँच कर लें। बहुत बार फैक्ट्री से डीलर के गोडाउन तक आने के क्रम में खरोच या किसी प्रकार का डिफेक्ट हो जाता है तो डीलर उसे मररमत कर देता है। वो आपको ध्यान से देखने से पता चल जायेगा। तो आपके पास विकल्प की कमी नहीं रहेगी।
13# कार की डेलिवेरी
